मान्यवर,
गैरसैंण हमारे लिये मात्र प्रस्तावित राजधानी ही नहीं है, यह हमारे शहीदों का सपना है, गैरसैंण हमारे उत्तराखण्ड के लोगों के लिये मात्र जगह नही है, गैरसैंण हमारे आन्दोलनकारियों का सपना है, हमारी भावना है, एक विचार है, एक सपना है। क्योंकि जब उत्तराखण्ड आन्दोलन हुआ था तो हमारे आन्दोलनकारियों ने सोच-विचार कर गैरसैंण को अपने प्रस्तावित राज्य की राजधानी घोषित कर दिया था। जो पूरे राज्य की जनता में सर्वमान्य भी हुआ। पहाड की राजधानी यदि पहाड में नहीं होगी तो इससे बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण बात और क्या हो सकती है। जो नीति नियोक्ता है, उन्हें पहाड की जानकारी नही हो़गी और वे पहाड की विषम भौगोलिक परिस्थितियों से परिचित ही नहीं होंगे, तो वे पहाड के लिये क्या नीति बना सकते हैं ? हम सरकार से मांग करते हैं कि शीघ्र ही गैरसैंण को उत्तराखण्ड की स्थाई राजधानी घोषित की जाय |
जय भारत! जय उत्तराखण्ड!
म्यर उत्तराखण्ड ग्रुप
दाजयू आप भौत्ते भौल लिखच्छा हो, यस्से भौल-2 काम करने रेयैया.
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